शारीरिक संबंध पूरी तरह से भावनात्मक एहसास से जुड़ा हुआ है। हालांकि, ऐसा करने के लिए शारीरिक तौर पर भी सेहतमंद होना जरूरी होता है। वहीं, सेक्स का आनंद लेने के लिए अब नशे में सेक्स करना यानी स्मोक सेक्स और ड्रिंक सेक्स का प्रचलन भी बढ़ रहा है। लेकिन, सुनने में यह जितना उत्तेजित लगता है, इसे लेकर उतने ही सवाल लोगों को मन में भरे हुए हैं। सेक्स करते समय यौन उत्तेजना और आनंद को बढ़ाने के लिए नशे में सेक्स करना कितना सुरक्षित हो सकता है?
नशे में सेक्स करना काफी रोचक माना जा सकता है। हालांकि,, इसका आंकड़ा भारत में कितना है, इसके बारे में अध्ययन नहीं किए गए हैं। लेकिन, अमेरिका के आंकड़ों पर गौर करें, तो सेक्स के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए वीड और ड्रिंक अधिकतर लोगों की पसंद बन गई है। हालांकि, कई अध्ययन यह दावा कर चुके हैं कि शराब पीने से पुरुषों में स्पर्म काउंट कम हो सकता है। शराब का सीधा असर हॉर्मोन्स पर होता है, जिसके कारण स्पर्म की क्वॉलिटी भी खराब हो सकती है। साथ ही, यौन रोगों का खतरा, सुरक्षित सेक्स न करने की वजह से प्रेग्नेंसी की संभावना भी बढ़ सकती है।
ड्रिंक सेक्स के अध्ययन में शामिल लोगों का अनुभव पूरी तरह से हैरान करने वाले थे। अध्ययन में भाग लेने वालों का कहना था कि शराब का नशा सेक्स और साथी से जुड़े उनके विचार को बदल देता है। ड्रिंक के दौरान वे बस साथी के साथ उस पल का आनंद लेते हैं। अध्ययन में यह भी सामने आया कि ड्रिंक की वजह से उन्हें किसी दूसरे साथी के साथ सोने में कोई परहेज नहीं होता लेकिन, वीड लेने वाले सेक्स के लिए सिर्फ अपने साथी का ही चुनाव करते हैं।
स्मोक सेक्स और ड्रिंक सेक्स के बीच अंतर क्या है?
- ड्रिंक के नशे में सेक्स करना लोगों के लिए किसी बुरे अनुभव वाला भी हो सकता है। ऐसे लोगों ने सेक्स के बाद पछतावे का एहसास किया लेकिन, वीड सेक्स वालों में ऐसी कोई भावना नहीं देखी गई।
- ड्रिंक के नशे में सेक्स करना उल्टी, चक्कर आने की समस्या का भी कारण बन सकता है। लेकिन, वीड सेक्स के दौरान ऐसी स्थितियां नहीं देखी जाती।
- अध्ययन में यह भी पाया गया कि शराब संवेदनाओं को महसूस करने की स्थिति को प्रभावित करता है, जबकि वीड उन्हें बढ़ाता है।
- वीड सेक्स के दौरान भी लोगों में यौन संचारित संक्रमण (STI) के होने का खतरा बना रहता है, जबकि ड्रिंक सेक्स के दौरान वो इन बातों का ख्याल नहीं रखते हैं।
- भांग और शराब दोनों अलग-अलग तरीके से काम करते हैं। हालांकि, दोनों ही मस्तिष्क के सामान्य कामकाज को प्रभावित करते हैं। सेरिबैलम मस्तिष्क का एक हिस्सा है, जो शराब से प्रभावित हो सकता है। सेरिबैलम मानसिक संतुलन को बनाए रखने और नियंत्रित रखने का काम करता है। यही कारण है कि शराब पीने के बाद लोग भावनाओं में बह जाते हैं और बहुत-सी बातें भी करने लगते हैं। इसके अलावा, शराब सेरेब्रल कॉर्टेक्स को भी प्रभावित करती है। यह निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार है, जिस कारण लोग शराब पीने के बाद अक्सर फैसले लेने में चूक जाते हैं।
- वहीं, भांग एक अलग तरीके से काम करती है। यह उन रिसेप्टर्स को प्रभावित करती है, जो मस्तिष्क, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और शरीर के बाकी हिस्सों में स्वभाविक रूप से मौजूद होते हैं। कैनाबिनोइड्स, Tetrahydrocannabinol (THC) की तरह होते हैं और सीबी1 और सीबी2 जैसे रिसेप्टर्स को रोकने का कार्य करते हैं, जो मानसिक स्तर के परिणामों के लिए जिम्मेदार होते हैं। यही कारण है कि कई व्यक्ति भांग के नशे में होने के कारण भी अच्छा अनुभव करते हैं और सही फैसले ले सकते हैं।
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